सनातानियोको और सनातनी धर्मको वामी कामी इस्लामी और गद्दार हिंदुओंने घेरके रखा है जो उनकी हर पैरवी कर देशको लूटना चाहते है
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गद्दार सनातनी हिन्दू सत्ता सम्पत्ति हवस और ऐयासीके लिए कुछ भी करनेको तैयार बैठे है वो देश को बेचनेको भी नहीं रुकने वाले जिसमे
मक्कार धूर्त जूठा व् नक्षली और गिरगिट केजरूदीन सबसे आगे है इस
देशके कानून और सविधानकी मर्यादाओको तार तार केंवाला ये नया
चैर्ल्स शोभराज आज एक महमूद गोरिकी भूमि अदा कर रहा है जब जब
पकड़मे आता है तो माफ़ी मागके छूट जाता है और फिरसे अपने मौकेकी
तलाशमे अपनी साजिसे रचता रहता है जिस गोरिने पृथ्वीराजकी सहिष्णुताका फायदा उठाउठाके बार बार छूट जाता था और फिरसे हिन्दुस्तान पर हमला करता रहता था ,और सत्रह की बार पृथ्वीराजको
छल से परास्त कर पकड़ा था और हिंदुस्तानेम घुस गया था और जिसका फल देशकी जनता नवाला ज़हेरु और उसके वंशजो तक भुगत ता रहा है
वो देश की सनातनी हिन्दू जनता भली भाति समज गई है देशको और हिन्दू
सनातनी समाजको भाषा प्रांत जाती भाति उच्च नीच सवर्ण दलित में बाटा
गया और ये वामी कामी इस्लामी नक्षली लेफ्टिस्ट सीपीएम और जिहादी योनि देशके सनातनियोको हर तरहसे लुटा ,कनवर्जनकीया और उनकी
एक एक वर्ग खड़ा किया जो आज देशको अनेक टुकडोमे बॉटनेकी कोशिशे करते रहते है आदिवासी दलित बछड़ा जनजाति जो हिंदुसमनातनि लोग है उनको भी प्रलोभन लालच देके कन्वर्जन कराके
ये लोग देशको संकटमे डालनेको ततपर रहते है लेकिन आज देशमे
एक नै शक्ति का संचार हुवा है मोदीजी जैसे सनातनी हिन्दुओको सलाम है
मोदीजी देशको नै दिशा देनेको अपनी जिंदगी दाव पे लगा दी है और उन्होंने अपनी एक नै केडर कड़ी की है योगीजी अमितजी आसामके
हेमंत विश्वाजी दक्षिणमे अन्ना मलाईजी और कई सच्चे सनातनी हिन्दू संत
जैन आचार्य सच्चे शिख गुरुगोविंदजी जैसे ,तथा छटपती शिवाजी जैसे
मराठी लोग महाराणा प्रताप जैसे कई प्रतापी लोग आज समज गए है और
हिन्दू सनातनी संस्कृतिको ,हिंदुसनातनि वैदिक परमपारवा वाली संस्कृति
को बचाने आगे आये है कई स्वामी नारायण सम्प्रदायके संत भीआगे आये है ,और यहके हिन्दू सनातनी पत्रकार लेखक सभी अपने अपने योगदान
दे रहे है जिससे लोगोमे एक नै उम्मीद का संचार हुवा है देश की शिक्षा
पद्धत्ति में बदलाव आया है और मस्जिद मदरसा और कॉंवेंटिरि शिक्षा
पद्धतिका बहिष्कार करना होगा देश की असली गुरुकुल शिक्षा पद्धत्ति
अपनानी होगी और हिन्दू वेद पुराण गीता महाभारत और हिन्दू रीत रस्म
संस्कृतिको अपनानी होगी वैदिक शिक्षा पढ़नी होगी आर्युवेद को अपनाना
होगा अपनी पुरानी हिन्दू सनातनी सखावत को अपनानी होगी तभी देशमे
राम राज्य की स्थापना होगी
===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,,२९ /२/२०२४
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