Thursday, 22 February 2024

 भारत देश की आफत नवालाल ज़हरुके खानदान को पहचाने

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इस हिन्दू सनातनी देश भारत की आफ्त बहुरुपिया खानदान

नवालाल ज़हरु और उसके वंशज जिन्होंने नोच नोच के इस

देशकी धराको लुटा है न सिर्फ लुटा है बल्कि इस धराके टुकड़े

किये है दल दल में जाती भाति प्रान्त भाषा उच्च नीच दलित सवर्ण

हिन्दू मुस्लिम शिख ईसाई के ऐसे अनेको अंदर अंदर बाट के लड़वाने का

काम किया है फिर उसमे से मलाई निकालके देश विदेशोंमें पूंजी जमा की गई है हिन्दू सनातनियोकी सहिष्णताका भरपूर फायदा उठाया है कभी भी

किसीको हानि न पहुंचाने वाला सनातनी हिन्दू को मुर्ख बनाया है ये आक्रांता नवालाल ज़हरु और उसकी फेमिली वंशज यहाँ के मूल निवासी

सनातनी हिन्दुओको लोभ लालच में फ़साके ऐयासी की है और उस भोले

भाले मूल निवासयोका कन्वर्जन करके और करवाके उसने अपने पिठ्ठू

और गुलाम बनाये है जिनके द्वारा उन्होंने देश पर कब्जा किये रखा है यहाकि भोली भाली सहिष्णु जनताको सेक्युलरिज़्म्का मीठा ज़हर पीला

के अपने गुलाम बनाया है उसकी ऐयासियो डकैती लूटखोरी से देश विदेशमे संपत्ति का जमावड़ा किया है और यहाँ सत्ता पे बैठ मौज मस्ती

की है ,देश के विकासमे उसका कोई दिलचस्पी नहीं था नहीं है इस देशकी

मिट्टीमे पैदा हुए लोगोके द्वारा विकास किया गया है जो उसने भोले भाले लोगोको मुर्ख बनाके अपने नाम किया है उसका काम तो मात्र लूटना

डकैती करना ऐयासी करना और लोगोको सत्ता संपत्ति की लालच देके उनको अंदर अंदर लड़वाना और उनकी शक्तियोंको कमजोर करनेका

काम किया है देस को गरीब रखनेमे उनका महा योग है ऐसा मेरा आरोप है

लेकिन इस देश की मिट्टिने समय समय अनुसार कई महापुरष पैदा किये

है जिन्होंने देशकी इज्जत आबरू और विकास करनेमे अपनी जिंदगी

खपाई है अब इस समयके महा पुरुष मोदीजी जैसे नेता ,गरीब व् दलित बिछड़े आदिवासी लोगोके हदय साम्राट मिले है जो इस देशकी मिट्टीकी

उपज है जो लोगोके दिलोमे राज करते है जिन्होंने देशकी शान दुनियामे

बढ़ाई है और अपनी धरतीकी पहचान कराई है देशका जब्र जस्त विकास

की लाइनमे लाके खड़ा किया है दुनियाको हमारी हिन्दू सनातनी संस्कृति की पहचान कराई है और इस नवालाल ज़हरुके वंशजो से बचाया है

देश को लोगोको अपनी महान विरासत और अपनी हिन्दू सनातनी सखावत

की पहचान करी करवाई है हम उनके कार्योके समजे और उनको साथ दे

और इस बहुरूपिये नवालाल ज़हरुके वंशजोंको पहचाने

जय श्रीराम जय श्री राम जय जय श्रीराम

===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,,,,१७ /१ / २०२४

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