Tuesday, 8 November 2022

 

लहेरु और आक्रान्ताओकी खेतीकी फसल हिन्दुस्तानसे साफ होनीं जरुरी

फरजीवाल ,रेवड़ीवाल ,चार्ल्स शोभराज और दिल्हीका ठग मि. नटवरलाल
और उसके पहलेके व् पिछेके ,परिवारवादी फेमिली खुद लहेरुकि और उसके
साथ आलू ,उल्लायम ,महाराष्ट्का वक्रमुखी ,खाकरे ,बंगालकी सफेदपोशाकि
स्लीपरबाज ,दक्षिण भारतके और उत्तरभारतके पनपे हुए वामपंथी,नक्षली सभी
और देशमे पैदा किय गए नए नए जयचंद जो इस देशके लुटेरे और डकैत है
हिन्दुस्तानमें आये हुए आक्रांता ,डफेर ,डकैत ,लुटेरे ,जिन्होंने यहाकि हिन्दू
सनातनी भूमि को हर तरहसे गन्दी की है और संस्कृति ,रीती रिवाज और
सभी हिन्दू परम्पराए पर सभी एजगलोंसे हमला कर के बर्बाद की है यहाकि
गुरुकुल ऋषि परम्पराए शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर डाली है और यहाँका
हिन्दू सनातनी इतियासको हमारी आनेवाली जनरेशनको भुलानेकी हर कोशिश
की हैं , फिर ,उनकी पश्चिमी ,वामपंथी, इस्लामी और कोम्युनिष्ठी ,कॉन्वैंटी ,
परम्पराए ,और उनका इतियास थोपनेकी हर कोशिश की है , वो सभी
कन्वर्जन करके ,जोर जुल्म ,तलवारकी धारसे ,या धन ,सत्ता लोभ लालच ,
व् साजिसकी हर मुमकिन कोशिश करके इस देशकी मिट्टीको गन्दी की
है फिर भी ये देवॉकी भूमिने अपना अस्तित्व टकाये रखा है उसको कम्प्लीट
मिटने नहीं दिया है हमारे कई वीर पुरुष, राजा ,रजवाड़े ,संत ,महंत ,और
राष्टप्रेमी लोगोने अपना बलिदान देके भी उसको हर तरहसे बचानेकी हर
मुमकिन या न मुमकिन कोशिश करके बचाई है और इस महान भूमिका
कम्प्लीट वर्जित होते बचाई है हमें आज १४०० साल पहेलेका इतियास
पढ़ना होगा और हमारी वो सभी परम्पराए शिखानी होगी और यहां १४००
साल में आये हुए घुसे हुए ,आक्रांता ,लुटेरे ,डकैत , ऐयासि, घूसणखोर
पहचानना होगा जो लोग यहके थे लेकिन तलवारके डरसे सलवार पहनलिया है
उनको अपना गौरवशाली इतियास का ज्ञान कराना होगा और फाधरकी चादरको
पहचाननी होगी उसमे भी जो लोग अपनी मजबूरियोकी वजहसे बाहर चले गए
है उनको भी समजाना होगा और ये महान भूमिका बचानी होगी अबके समय
हमारे प्यारे ,मोदीजी ,योगीजी अमितजी ,हेमतविश्वा ,जैसे अनेकी कई नेता और
बुद्धिजीवी लोगोको हमे साथ सहकार देना होगा ये आजके समयमे जरुरी है
कई जर्नलिस्ट ,मीडियाकर्मी ,सम्पादक ,चेनले भी ये अच्छे काम में लगी है
और जो विघटन कारी लोभी लालची ,वायर ,फायर ,टायर ,लुटियंस ,खड़तल
खैराती,लोभी ,लालची, है उनको पहचाननके उनका बहिस्कार होना जरुरी है
===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,,,अहमदाबाद ,३० /९ / २०२२

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