Thursday, 19 September 2024

 केजरीवाल एक नए ड्रामेकी चालमे लोगोको मुर्ख बनानेकी खोजमे

( एक शठ शातिर भेड़िया और चालाक खिलाड़ी केजरूदीन ) =============== इस देशकी भोली भाली सहिष्णु और दयावान जनताको फिरसे देशके लोगोको कैसे मुर्ख बनाया जाय और उनकी सहानुभूति कैसे चुराई जाय उसकी खोजमे ये भेड़िया हिरणकी चालमे और ये काला कौवा हंस की चालकी खोजमे अपना वेश व्यवहार वर्त्तन बोली सब बहुरुपिया की निति अपनाई है ये इंसान अब रावण का रूप बदलके ऋषि मुनि बनने जा रहा है और सीता रूपी सत्ता पानेको अपना औलिया चाल चलगत बोली व्यवहार डाब बदला है जैसे लोग फिरसे मुर्ख बनके उसकी चालमे फसेंगे और ये उनका फिरसे सहानुभूतिका हरण करेगा सहानुभूति लोगोकी भावनाओंको चुराके अपनी ज़ॉलीमे भर लेगा और फिरसे ये इंसान उसका असली रूपमे फिरसे आनेकी साजिस में है ये नक्षली ,ये देश द्रोही ,ये कैस्टो क्रिचिएंन ये विदेशियोकि कठपुतली कभी इस देशकी कभी भी इस भूमिको प्यार नहीं करता , ये इंसान अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी भी हद पार करनेवाला इंसान है उसकी कोई नीतिरिती कोई धर्म नहीं है सिर्फ सत्ता सुख ऐयासी और पावरका भूखा भेड़िया है उसने आतिशी को अपना मोहरा बनाया है अपनी सभी चाल साजिसि और अपनी सत्ता शायबी संपत्ति सुख पावर सब आतिशिको उधारीमे संभालनेको दिया है उसको दिल्हीकी सीएम बनाके उसको कॉटोका ताज पहना दिया है ये शातिर खिलाड़ी चालाक खिलाड़ी है लोगोको संमजना होगा की ज़हरीले कोब्राको कितनाही दूध पिलाओ लेकिन वो कभी अमृत देनेवाला नहीं है वो काटेगा और अपने ज़हरसे लोगोको मौतके घाट ही उतारेगा हड़काया कुत्तेके साथ कभी दोस्ती नहीं की जाती या उसको पाला पोषा नहीं जाता एक दफेमें उसकी पहचान ही काफी है अपनी भलाईके लिए लोगोको ये बात भली भांति समज लेनी चाहिए और अपनी गलती फिरसे नहीं दोहरानी चाहिए अपने इतियास पर से सबक लेना होगा पृथ्वीराजकी गलती और अपने प्यारे अटलजिकी गलती को याद करना होगा जय हिन्द जय माँ भारती ===प्रहलादभाई प्रजापति ,,१९ /९/२०२४
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