Saturday, 13 April 2024

 




@praheladprajapati4411

==================

सुप्रीम कोर्ट इस वामपंथी और विदेशियोंके इशारे पे खेल रही है और 

वामपंथी हिन्दू सनातनी हिन्दू वैदिक संस्कृतिका घोर विरोधी रहा है 

वामपंथी आयुर्वेदके उपचार पद्धत्ति का विरोधी रहाः है और वो लोग 

उनका धंधा विकसानेके लिए हिंदुस्तानकी सनातनी परम्पराए रीट्रीवाज 

के रीती रसंम के हमारे खानपान रीती रस्म के विरोधी है उनको उनकी 

दवाइयों मेडिसिन का धंधा खत्म हो जाता है इसुइलिये वो लोग मेडिकल 

असोसिएसन वामपंथियोका गुलाम हो गया है पूरा  सुप्रीम कोर्ट वामपंथी 

योकि विचारधाराकी गुलाम हैं और ऐसा लगता है कि  सुप्रीम कोर्ट  वाम 

पन्थियोका हड्डा जैसा लगता है ये नहेरु खानदान के आज्ञा कारी होने के 

कई सारे उदाहरण दे चुके कोलेजियम सिस्टिम से अपॉइंट किये गए कई 

सारे जजिस एक दुसरेके करजको उतारनेमे मिलजुलके काम करते है 

उनके उनके खान दानी वंश परम्परगत जड़जगीरी में  ही न्यायको बांधके 

रखते है और अपनी अपनी मन मानिके आधार न्याय देते है ऐसा कई 

उदाहरण आपको मिलेगा ऐसा न्याय व्यवस्थाके इतियासमे कई केस दर्ज है 

नहेरु खानदान ने और नहेरुने देश का इतियास कलंकित किया है ऐसा 

इतियास बोलता है और इतियास गवाह भी है देश को बचाएं और मोदीजीके  हाथ मजबूत करे जो लोकतान्त्रिक तरहसे देश को चलाते है 

आजादीके बाद हिंदुस्तानको पहला शाशक मिला है जो देश को आगे 

लेजारेहे है और हर गरीब ,दलित ,बिछड़े ,आदिवासी और किसान और 

देशके युवाओंको रोजगारी और उनके उठानके लिए रातदिन काम 

करते है हर हाथको काम हर युवाको रोजगार किसानको ,गरीबको 

घर ,जल ,कपड़ा रोटी, शिक्षण और व्यापारी को सुरक्षा पहुंचते रहे है देशके 

हिन्दू सनातनी संस्कृतिका विकास रीत रस्म व्यवहार पूजा पाठ और 

देशमे अपनी अपनी मान्यताओको नमन करते है ऐसे देशके 

नेताको दिलसे सहकार देना हर नागरिक का कर्तव्य बनता है 

===प्रहलादभाई  प्रजापति ,,,,१३ / ४ /२०२४ 

No comments:

Post a Comment