इंसानियतसे नाता तोड़ हेवानियतकी और दौड़ रहे कट्टरपंथी वामी कामी इस्लामी जो अपने विनाशकी दिशामे तेजीसे दौड़ रहे है
==================== इंसानियतसे नाता तोड़ हेवानियतकी और दौड़ रहे कट्टरपंथी वामी कामी इस्लामी जो अपने विनाशकी दिशामे तेजीसे दौड़ रहे है और उनके साथ
भारतके कट्टरपंथी भी उनको अपना सहयोग दे रहे है ? भारतमे जुलमसे
घुसे आक्राँताओंने यहाँ अपना पग डंडा सात आठसो सालोसे जमाया है
उन्होंने यहाके मूल निवासीयोके लोभ लालच व् सत्तामे भागीदारी दे के
उनको अपना हथियार बनाया गया है उसमें लूटखोरी डकैती ऐयासी में
मुगलोकि भूमिका ख़ास रही है जो तीन चार पीढ़ियॉ तक अपनी दूकान
चलानेमें सफल रहा है लेकिन अब वो वक्त का भी अंत दिखाई दे रहा है
अब यहाके मूल निवासी जिन्होंने अपने पुर्खोके बलिदानको और अपने
पुर्खोकी सखावतको शूरवीरताको पहचान गए है और हिन्दू सनातनी
सल्तनते ,परम्पराए ,वैदिक व् गुरुकुल निति रीती को समझने में आने
लगी है अपनी महान विरासतको बचानेको अब लोग आगे आने लगे है
मुगलोकि, वामी कामी नक्षली की और अंग्रेजोंकी चालाकी पहेचन गए है
देशकी संपत्ति लूटने लुटवाने और यहाकि हिन्दू जाती धर्म को कन्वर्जन
करनेकी उनकी चालाकी व् साजिस को पहचान गए है ये मुगलोको
आखिरी पढ़ी है जो लहेरु कोंग्रेसके नामसे और वामपंथी व् कम्युनिष्टो
की जमात जो वहीवटमें कानूनमें ,कार्यपालिकामे और समाजमे घुसी
हुई है उनको लोग पहेचन गए है अब लोग अपनी हिन्दू सनातनी विरासत
बचनेमे अपना पूरा योगदान व् सहयोग देने लगे है हिन्दू देवी देवताओंको
अपने मंदिरोंको बचानेमे और लुटके उनपर उनका कब्जा जो किया गया
है उसको छुडवानेमे लोग आगे आने लगे है अब उन लोगोको उनकी
असली जगह को भेजनेकी भी लोग सोच रहे है ये भारतका अहोभाग्य है
===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,,,२८/१/२०२४
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