पति पत्नी और वो = केजरी सुनीता और स्वातिमहिवाल
====================== हमारी गीताका ज्ञान हजारो वर्ष पुरानी हमारी हिन्दू सनातनी संस्कृति का ज्ञान विज्ञान ने हमें और दुनियाको बताया सिखाया है की कर्मका फल यहाँ ही भुगतना पड़ता है जो जैसा करेगा वैसा ही पायेगा और कोई किसी भूगर्म जाके ख़राब व् नियम
के विरुद्ध कर्म करेगा कितना भी छुपाके करे फिर भी ये कर्म एक न एक दिन बाहर
आता ही है और घर का मोभ या छापरा पर चढ़के पुकार पुकार के सबको बोलता है
और समाज में लोगोको बता देता है कोठीमे या किसी भण्डारेमे किया कू कृत्य कभी
छुपता नहीं हैं ये केजरी सुनीता और महीवालका अंधरुनि कार्यक्रम का पूरा कच्चा
चिठ्ठा खुल गया है उनके बेडरुमका पूरा हिसाब हो रहा है दोनोके साथ किया गया बेडरुमका
कार्यक्रम की तवारीख कालके मुख पत्र पर छप रही है और कई लोगोको मनोरंजन
तो कई लोगोको उसके साथ अपनी दुष्मनावट निकलनेका मौक़ा मिल रहा है ये
केजरूदीन क्रिप्टो क्रिचियन हो गया है और पश्चिमी संस्कृतिका यानी वामपंथियोका
और नक्षलियोका मुखौटा ,हथा ,और उनका एजंट हो गया है देश द्रोही शक्तियोंका
विघटन कारी शक्तियोंका हथियार बन गया है , इसमें कोई शंका नहीं की उसने पैसा
या संपत्ति नहीं बनाया हो ,उसने यहाँ जितना बनाया है उससे कई गुना विदेशमे भी
बना लिया होगा ? ये शातिर धूर्त, जूठ्ठा व् देश द्रोही मक्कार खिलाड़ी है वो अपने
किसी भी अपने निकटवर्ती इनसनके भरोसे वाला नहीं है ? वो एक बहुरुपिया और
मारीच का खेल खेल रहा है जो अपनी हिन्दू सनातनी सखावत और संस्कृतिके
खिलाफ है जिसका फल वो अभी भुगत रहा है हमारे धर्म पुस्तके वेद पुराण और
गीता रामायण में हरेक पात्रके निति नियम व् कर्म नक्की किये है जिसके भाग्यमें जो
दिया है लिखा है नक्की किया है उसके खिलाफ जो इंसान जो करता है उसका फल
उसको भुगतना ही पड़ता है इसमें कोई शंका नहीं रखनी चाहिए हमारी वैदिक
संस्कृतिको हमारी पुरातन सनातनी संस्कृति को और हमारी गुरुकुल परम्पराओको
शत शत नमन ये वामी कामी इस्लामी नक्षली या कोई भी पश्चिमी संस्कृति उसे कभी
भी उखाड़ नहीं पाएगी ,वेटिकनि संस्कृति पैसोंके दम पर उस पर एटेक किया है और
बिभस्त बिहेव शराब शबाब का और पैसोंका इस्तेमाल किया है लेकिन ये लोग उसका
कुछ भी बिगाड़ पाएंगे नहीं हर युगमे मोदीजी जैसे महा पुरुष अवतरते रहेंगे और लोगोको
उसका ज्ञान करते रहेंगे ये संत महंत आचार्य ,और गुरुओंकी व् देवोकी भूमि है
===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,२० /५ / २०२४
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