लगता है की इन पवारोके खेल में फडणवीस फंस गए
सापोंको दूध पिलानी ज़हर उगलना नहीं छोड़ते ये कहावत की सत्यता
पूर्ण होती लगती है महराष्ट्रमे पवार एंड कंपनी अपनी सत्ता जाहोजलाली
और लुटा हुवा धन बचनेमे लगे है और फडणवीस उसमे फंस गए लगते है
मोदीजीकी बीजेपी सरकारको कब्जेमें रखने के लिए इन पवारोका खेल
का भेद खुलने लगा है मोदीजीको इन बातोसे इन खेलोसे जागृत रहना
पडेगा ये काश्मीरके महबुबाकी तरह का खेल में पवारोने पहलेसे कब्जा
करनेको बाजी अपने हाथमे ले ली लगती है इन सापोंको दूध पिलाके उनका
ज़हर देनेवाले दातोंको तोड़के उनको कब्जेमें करना होगा और थैलेमे
रखके उनका इस्तेमाल करना होगा और उनकी साड़ी शक्तियोंको तोड़नी
होगी इन शेरोके नाख़ून और दांत तोड़ना होगा ये साँप ज़हर उगलनेसे पहले
ज़हर को और उनकी दांतोंकी शक्तियोंको तोड़नी होगी नहीतो ये साप कभी
भी काटनेको मौक़ा देखते रहेंगे
===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,,,,१७ /७/२०२३
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