लोक आदोलनोंसे निकले नेतागण ( हिरणकी खाल में भेड़िए )
====================
लोकान्दोलनसे निकले नेतालोगॉने देशकी जनताको मुर्ख बनाया है फिर नहेरु और उसका खानदान या उसकी कांग्रेस हो ,मुलयम ,लालू , केजरीवाल या टिकैत ज्यादातर जितने भी लोक आओदोलनोंसे निकले नेता गण है आज कुछ को छोड़कर सभी शीश महल जैसे आवसोमे रहते है और सभी सरकारी सुविधा
भुगत रहे है कई लोगोने तो विदेशोंमें पिंजी जमाकी है और विदेशोंमें शीश महल
बनाये है उनकी पीढ़ी दरपीढ़ियोके लिए सत्ता संपत्ति जमाई राखी है फिर नेहरू
खानदान हो ,लालू मुलायम खानदान हो या टिकैत जैसे कई नेता गण हो साउथमे भी सभी नेतागण खड़गे हो या डीएमके के नेतागण हो या ,दलित नेता
मायावती हो या ममता हो या पावर ठाकरे फेमिली हो या वामपंथी चिदंबरम या
रेड्डी फॅमिली हो या नायडू हो या मुस्लिम नेता ओबेसी हो सभी ने देश को लुटा है
सेवा कल्याण के नामसे या खानदानी सत्ता के नामसे देश को लुटा ही है किसीने
सामान्य जन समाजकी सेवाकी या उनके सुख शांति या उन्नतिकी बातके नामसे
उन्होंने अपने घर भरे है आजके युग में एक मोदी योगी जैसे नेता नहीं है सिर्फ
मोदीजी और योगीजी है जो इन सब से अलग है और जनताके असली शुभ चिंतक है और उन्होंने अपनी जिंदगी उसमे खफा कर दी है कई और लोग है
१ या २ % जिन्होंने असल रूपमे देशकी सेवा की है हमारी महामहिम राष्ट्र
पति मुर्मुजी भी एक अछि और जनताकी शुभ चिंतक रही है जो मोदीजी योगीजी
जैसी शुभ चिंतक रही है ९८ % नेता लोग अपनी स्वार्थ वृत्तिसे निकल नहीं पाए है उन्होंने जह भी लाभ मिला है जरूर लिया है केजरी जैसे धूर्त मक्कार जूठा पाखंडी और देश द्रोही है और उनकी टोली भी ऐसी ही है लोगोको ऐसे नेताओंको संजना होगा और बहिस्कार करना होगा
===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,,,१३/५/२०२३
No comments:
Post a Comment