विदेशी व् देशी जयचनदोक़ि डकैती लूट निति
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जितनी चावी भरी चमचोने
उतना चले पपुआ खिलौना
कौएको कोयल बनाने निकले
मुगल वंशी लहेरुआ कोंग्रेसी
पारिवारिक पार्टियोंकी अमानते
हो गई व् बाटली हिन्दुस्तानी भूमि
लूट ली लोकशाहीके नामसे
लिबरल वामी कामी इस्लामी गेंगने
हिन्दुस्तानी सनातनी सखावते
सहिष्णु शूरवीर सत्यवादी अमानते
भुलादि विदेशीओने कंनवर्जनी खेलसे
धूर्त मुग्लाइकी मक्कारी हावी सनातनियोपे
निति नियम कानून व् नियत धोखा घड़ीमे
विदेशियोकि वाणी बोले सत्यको सुपानेको
कदम कदम पे छुपाते चले सत्यको यहां
लेकिन उजागर होते चला हर खड़ा यहॉ
ये कौवोकी जमात कोयल न बन पाई यहां
वंश उजागर होते रहे देवोकी है ये भूमि यहाँ
खुले पप्पू पिंकी टोटीचोर व् केजरुद्दीनके दावे
लल्लू वंश हो या फारुख महबूबा चिदु या वामीए
===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,१८ /३/२०२३
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