गोरी चमड़ी हावी हुई है काली चमड़ी पर
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वामी कामी वेटिकनी व् इस्लामीयो का एक ही एजंडा है
सनातनी हिन्दू को उल्लू बनाके लूटना लुटवाना एजंडा है
जयचन्दोंको टुकड़ा फेकना लोभ लालच व् संपत्ति सत्ताका
फिर जयचन्दोंको गुलाम बनाके हिन्दू सनातनियोसे लड़वाना
इस देश को तोडनेका फ़ोड़नेका लूटनेका ब्रह्माश्त्र है बनाया
पागल मुर्ख लोभी लालची हिन्दू देख रहा अपनी क़ब्रका जनाजा
विदेशी नर नारिकी मक्कारी धूर्तता व् देशी जय्चन्दोकि गद्दारी
हजारो वर्षोकी सनातनी शखावत दाव पे है अंग्रेजोंकी मनमानी
गोरी चमड़ी हावी हुई है काली चमड़ी पर भुखापन की मजबूरी भाषा
तन मन धन व् निति नियमावलीमें सड़ रही यहा रिद्धि सिद्धि हिन्दुता
===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,,,,,२ /३ /२०२३
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