ये खानदान देशकी भोली भाली जनताको शुरुसे ही मुर्ख बनती आयी है और
उसकी मनमानी चलाई है ये खानदान अबतकदेशकी जनताकी ओखामे धूल
झोकनेमे सफल हुई है ये मुगलोंके वंशज है जो एक लुटेरा डकैत था ज़ियाउद्दीन
गाज़ी के खानदान ने अपना नाम व् उपनाम यानी सरनेम बदलकर देशकी जनता
को इतने सालतक मुर्ख बनाया है
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,ये एक इस्लामिक और वामपंथी खानदान है
जो हिन्दुओंपे अधिपत्य जमाके हिन्दुओको यानी सनातनियोको लुटा है लहेरुके
पिता श्री एक दरवान थे जिन्होंने जहा काम करते थे उनको उनकी मौतके बाद
संम्पत्ति सत्ता हड़प कीथी और फिर गाँधी को उनका बेटा लहेरु को राजकीय
सत्ता के लिए आर्थिक मदद की थी जो उस वक्ती देशकी आज़ादिका माहौल था
और गाँधी आफ्रिकासे गोरोसे अपमानित होक देशमे आये थे और उन्होंने अनशन
सत्य ,अहिंसाका शाश्त्र से देशी की जनताओ जगाया था जो हमारे देशिकी जनता
हमेशा सेक्युलर और भोली भाली रही है ,उसवक्त लहेरुको प्रोमोट करनेके लिए
इनके यानी लहेरुके पिताजीने गांधीकी इंसानियत का लाभ उठाया और अपने बेटे
लहेरुको राजनीतिमे देश पर थोपा उनकी कोई काबिलियत थी ही नहीं , उसलाहरुने
अपनी पहचान शौख ,और ऐयासी के लिए देश के लोगोकी उदार्ताका लाभ उठाया
अंग्रेज लोग चाहतेथेकि उनको उनकी हकूमत बनाये रखनेके लिए कोई गद्दारकी
खोज थी जो लहेरुने पूर्ण की ये खानदान देश के लिए हमेशा गद्दार ही रहा है उनकी
कुंडली अगर खंगाली जाय तो अबतक के इतियासमे सभी प्रमाण मिल जाएंगे
फिर उसमे देशका विभाजन हो या देशकी जनताके साथ गद्दारी हो या पडोसी चीन
के साथ उनके गर्भित साजिसकौर रिश्ते हो या फिर यु एनोके साथ देशका कोई
व्यवहार हो या फिर देशकी एकता का कोई सवाल हो सभी राजनैतिकी हवालेसे
अगर देखा जाय तो उनकी कुंडली साफ़ साफ़ सभी प्रमाणपत्र दे देगी , देशकी
अस्मिता का सवाल हो या देशकी सम्भओम्तवका सवाल हो सभी के लिए ये खानदान
देश के लिये हानिकारक रहा है नहेरुका जीप घोटाला हो ,या उनका चुनावमें भी
कई तरहकी अन्यायी हरकते की है ,ऐयासिमे मास्टर है पूरा खानदान फिर गंदिराजी
हो या राजीवखान हो या विदेशी नारी बारबाला हो या फिर आउल गाँधी हो ये गाँधी
सेनेम जो एडॉप्ट किया हुवा है जिस से देशकी जनताकी ओखामे धूल जोक शके
और उन्होंने धूल ज़ोका है जो अब इनका पाप बोल रहा है पुख्ता सबुतोंके साथ
ये खानदान की पोल खुल गई है नेशनल हेरोल्ड केसके द्वारा जो देशकी सम्पत्ति
को हडपनेकी साजिस का पर्दा फास हो गया है अब न्याय पालिकामे बेलपर है
बदलती देशकी तस्वीरको समज गए है और अब देश छोडनेकी फिरकमे है ऐसा
मेरा साफ़ साफ़ आरोप है सुप्रीम कोर्टके नए आये हुए जुडज श्री यु युललित सर
का कार्यकाल तक वो देशके बाहर रहनेकी उनकी मनोकामना है ऐसा मेरा
आरोप है ताकि कानूनी क़वायतसे बचा जाय और कानूनी सिकंजेसे रहात लेनेके
लिए अपनी हेल्थ और कौटुम्बिक बहांनेसे विदेशमे समय बितानेमें है और वहा
रहके नॅशनल इंटरनेशनल साजिसकी तालासमे है देश पर वामपंथी और इस्लामिक
सोच और पकड़के सहारे सनातनियोको जाती धर्म में बाटकर उनको कन्वर्जन
में कैसे फसाया जाय और देश पर फिरसे उनकी हकूमत कैसे जमाई जाय और
कानूनी जुंगमेंसे कैसे बाहर नीकला जाय उसकी सोच और तालसमे विदेश
भाग रहे है उनका नागरिकत्व भी उनको मदद करता है अब देशको ये सभी
बात सोचनेका वक्त आ गया है यहा अपने देशके आंतरिक जयचंदो के सहारे
ये लोग उनका खेल खेल रहे है ,देशकी जनता और सरकारको ये बात सोचनी होगी
===प्रहलादभाई प्रजापति ,, अहमदाबाद ,,, ४ /९/२०२२
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