Saturday 24 August 2024

 


हिंदुस्तानमें आजादीके बादकी  पहली फेमिली फर्जी फेमिली फ्रॉड फेमिली डकैत फेमिली ऐयास फेमिली 

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न जात न भात न कोई रियल पूर्वज वंशज न अकोइ रियल खानदान

फिर भी देश पर ६० से ७० सालोसे कब्जा जमाये बैठे है देश को लुटते

लुटवाते है देश को बांटते बटवाते है देश को टुकडोमे बेचते है बेचवाते है 

यहासे लूटकर विदेशोंमें अपने अपने पूर्वजोंके देशमे और दूसरे देशमो 

संपत्ति जमाते है और इस देश को अपनी जायदात समझते है लोगोको 

अपने गुलाम और बुद्धू समझते है हमारे देशकी बद किस्मत तो जुओ 

की यहकि मिट्टीमे पैदा हुए लोग अपनों को छोड़के विदेशियोकि गुलामी 

करनेको अपना सबकुश न्योछावर कर देते है और कर दिया है कई  लोगोने 

तो अपनी जान बान शान अपनी इज्जत भी बेच दी है और गुलामी करनेमे 

अपनेको बड़ा और काबिल समझते है कोई एक सत्ता या संपत्ति या किसी 

मामूली लाभके लिए सबकुछ सोप देते है और सोप दिया है ऐसे लोगोको 

उनकी अपनी जिनगी उनके हवाले कर दी है ये लोग इस्लामिक कल्चर 

और वामपंथी और कोम्युनिष्ठ कल्चर में देश को और देशके लोगोको 

कन्वर्जन करते आये है यहाकि हिन्दू सनातनी संस्कृतिको और यहाकि 

हिन्दू सनातनी सखावतको नष्ट करनेमे उनको पूरा साथ सगकार और 

खुदको भी बदल दिया है वैसे लोगोके हाथमे सत्ता होने से यहाकि मिटटी 

में पैदा हुए लोग ऐ मजबूर और दया जनक परिस्थितिमे रहते आये है यहाकी 

सभी तरहकी रीत रिवाज रस्म को खत्म करनेमे लगे है भात भात के नए नए 

तरीकोंसे लोगोको जाती धर्म प्रान्तवाद भाषावाद उच्च नीच ब्राह्मण दलित 

आदिवासी बिछड़े जन जाती ,राजपूत धनि गरीब में बटवारा कर करवाके 

आपसमे वैमनस्य पैदा करके लोगोको मुर्ख बनके उनको आपसमे लडवाके 

टुकड़े कर और करवाके सत्तामे बने रहना चाहते है और इस धराको  टुकडोमे करके व् करवाके बेचना चाहते है फिर यहासे भाग जाएंगे अपने 

अपने मुल्कोमे ये वोही लोग है जो यहाँ डकैती लूट ऐयासी करनेको आये थे 

देशकी यहाकि मिट्टीमे पैदा हुए लोग जल्दीसे जल्दी समज जाये तो 

रहा सहा हमारा वंशज और उनकी संस्कृति व् इतियास बच जाएगा

यहके इन सभी लोगोसे जो यहाकि मिट्टीमे पैदा हुए है इनसे गुजारिश है 

===प्रहलादभाई  प्रजापति ,,,, २४ / ८ / २०२४  

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