आउल गंधी एक ड्रामा कम्पनीका विदूषक और विदेशी शक्तियोंकी कठपुतली है जो हिन्दू सनातनको नष्ट करने निकला है
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ये विदूषक उनके पूर्वजोंका कर्म फल है जिन्होंने कई को कृत्य किये है सत्ताके नशेमे निति नियमो मर्डर किया है गलत तरीकेसे संपत्ति जमाई है
देश और दिनियाको उलटा इतियास पढानेकी पूरी कोशिशे की है साजिसों के तहत इन्होने सत्ताकी मलाई खाई है ऐयासी की है और संप्पत्तिका ढेर
हथियाया है उन सभी कू कृत्योंका फल स्वरुप आउल गाँधी की पैदाइशके
रूपमे देशको एक विदूषकको झेलना पड़ता है ये विदूषक भी उन के पूर्वजोंकी तरह काम करता है और देशके लोगोको उलटा इतियास पढ़ाने
निकला है लेकिन वक्त वक्तकी बात है समय सबसे बलवान और महान है
आज देशमे लोग जागृत हो गए है और उनकी बहुरुपियागिरिकी चाल समज गए है ये बहुरुपियागिरिकी चाल से लोग ऊब गए है उनके सभी शल
कपट मारुच गिरी बहुरुपियागिरि से लोग वाकिफ हो गए है उनकी लूट
डकैत ऐयासी चांचियागिरि और आगे चलने वाली नहीं है हिन्दू सनातन के
लोग सहिष्ण जरूर है लेकिन अंदरसे समज गए है की ये विदूषक यहाँ
हमारे लोगोको जयचंद बनाके उनके द्वारा लूट डकैती करता है और ऐयासी करता कराता है उसका पूरा मकसद हिन्दुओको मुर्ख बनाकर लूटना और लुटवाना है और सनातनको नष्ट करनेमे लगा है यह बात
सभी लोगोके समजमे आने लगी है उसके कई उदाहरण उनके सामने है
वो अपने आपको एक हितलर डिक्टेटर और बड़ा मुखिया और एक राजा समझता है पर है नहीं वो एक बुधु साबित होता जा रहा है एक पप्पू साबित
होता जा रहा है हिन्दू सनातनी लोग ये बंदरको जितना जल्दी समजले उतना उनके फ़ायदे में रहेगा ये एक दूसरोंसे चलाया जाता दुएरके हाथकी
कठपुतली के अलावा कुछ नहीं है विदेशियोकि कठपुतली ही है उसको
देश वासी भली भाति समज ले ,,,,,,, जय हिन्द जय माँ भारती
===प्रहलादभाई प्रजापति ,,, ७ /८ / २०२४
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