में जो नहीं बोलती उसमे सबकुछ बोल दिया राष्ट्रपति द्रोपदी मुरमुजिने सुप्रीमकोर्ट के जजिस को कहा
==================================== समजदारको इशारा काफी होता है ,जनताके टेक्ष के पैसो पर ऐयासी करनेवाले और देश को अपनी हकूमतके दायरेमें रखनेकी सोच वाले न्यायधिसोको हमारे माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमुजिने न्यायपालिकाके जजिसकी धज्जियो उखेड़के रख दी है उनकी हर एक बात गौर करके समझने वाली है की देशका आमआदमी गरीब जो है न्यायपालिकाके चक्क्रमे अपनी जिंदगी खो देता है सामान्य जुर्मका न्यायके अपना घर बार जमीं जायदात दागिना सबखुछ बेच देता है और बरसो तक कोर्टके चक्क्रर लगाया करता है २०-२५ साल बर्बाद करनेके बावजूद न्याय नहीं मिलता है और दूसरी जगह ,बड़े बड़े वकिलोके द्वारा उनको उनकी मनमानी फ़ीस देके देशके माफिया ,लुटेरे ,डकैत ,बड़े बड़े राज नेता ,हवालाखोर ,बड़े बड़े भ्रस्टाचारी लोग न्याय पालिकाको अपने जेबमे रखते है बड़े बड़े वकीलों द्वारा ,कोर्ट फ़िक्सरो द्वारा ,जजिसको साजिस करके सत्ता संपत्ति से न्यायको खरीद लेते है और कभी भी जेलमे नहीं जाते ,अगर जाते है तो उनको फाइव स्टार सेवाए मिलती है अगर बीमर होते है या बीमारीका ढोंग रचाके बड़ी बड़ी अस्पतालमे भर्ती हो जाते है और वहा ऐयासी फाइव -सेवन स्टार होटलो जैसी सुविधाए पाते है ,घरका भोजन लेते है अपना दरबार वहासे चलाते है अभी अभी जनताको मालुम पड़ा है के आम आदमी पार्टीका एक मंत्री सत्येंद्र जैन जेलमे कैसी कैसी सुविधाए ले रहा था ये सब क्या न्यायपालिका के जजिसके ध्यान में नहीं था ? और आम आदमी को जेलमें बरसो तक तड़पाये रखनेवाले ये लोगोके ध्यानमे ही नहीं आता और कोर्टमे डेट पर डेट देनेका सिलसिला जारी रखते है अपनी कोलेजियम प्रक्रियासे नियुक्त किये भाई भतीजा ,और परिवार वादसे ,यानिकि सिफारिस से नियुक्तिसे आये जजिस से न्यायकि आशा दिलाते रहते है ये उनकी ऐयासियोका एक जरिया है जो आम आदमीकी भलाईके और देशकी उन्नतिके लिए बंध होना जरुरी है ये मेरा मानना है अगर किसीको खेद पहुंचा है तो मुझे माफ़ करना ===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,,,,१४ /१२ / २०२२
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