बटवारेका बार बार हिसाब करना न्याय कहाका ?
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सदियोसे बार बार इस देशके सनातनी हिंदु सत्ता संपत्ति संस्कृति पर हमला
बाहरसे आये आक्रांता डकैत सभी वामी कामी इस्लामीका हिंदुत्व पर हमला
फाधर साइलंट पाँव पसारे दमककी तरह व् जोर जुल्म जेहादी चादरी हमला
वेटिकनि व् इस्लामी कंवर्जनकी होड़ लगी है बरसोंसे देशकी मिट्टीका मसला
बचाने अपनी सनातनी कटता सिकुड़ता अफ़ग़ानसे उतरता सब छोड़ता रहा
समजे सनातनी हिन्दू वामी कामी इस्लामी सब बाहरके डकैत लुटेरे आक्रांता
दो टुकड़ा करके बांटी है पनद्रासो सालकी गुलामीके बाद मिली स्वाधीनता
जब दे दिया उनका हिस्सा फिर क्यों मायनॉरिटीके नाम जमाते रहे है पंगा ?
सॉफ्ट व् सहिष्ण हिन्दू कब तक अपनी सनातनी सखावत लुटाता रहेगा यहां
न्यायका अन्याय कबतक सहेगा सॉफ्ट सनातनी वामी कामी इस्लामियोका
जितना झुकेगा दबेगा ज़हरीला कोबरा व् पागल कुत्तेको निभाया नहीं जाता
दे दिया है हिसाब कर बॉटके अब ये बार बार हिसाब करना न्याय कहाका
===प्रहलादभाई प्रजापति ,,,,,, २९ /१० /२०२२
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